1 हे यहोवा, स्मरण कर कि हम पर क्या क्या बीता है; हमारी ओर दृष्टि कर के हमारी नामधराई को देख!
2 हमारा भाग परदेशियों का हो गया ओर हमारे घर परायों के हो गए हैं।
3 हम अनाथ और पिताहीन हो गए; हमारी माताएं विधवा सी हो गई हैं।
4 हम मोल ले कर पानी पीते हैं, हम को लकड़ी भी दाम से मिलती है।
5 खदेड़ने वाले हमारी गर्दन पर टूट पड़े हैं; हम थक गए हैं, हमें विश्राम नहीं मिलता।
6 हम स्वयं मिस्र के आधीन हो गए, और अश्शूर के भी, ताकि पेट भर सकें।