26 सुनो, मैं आज के दिन तुम्हारे आगे आशीष और शाप दोनों रख देता हूं।
पूरा अध्याय पढ़ें व्यवस्थाविवरण 11
देखें संदर्भ में व्यवस्थाविवरण 11:26