व्यवस्थाविवरण 13:7-13 HHBD

7 चाहे वे तुम्हारे निकट रहने वाले आस पास के लोगों के, चाहे पृथ्वी के एक छोर से लेके दूसरे छोर तक दूर दूर के रहने वालों के देवता हों,

8 तो तू उसकी न मानना, और न तो उसकी बात सुनना, और न उस पर तरस खाना, और न कोमलता दिखाना, और न उसको छिपा रखना;

9 उसको अवश्य घात करना; उसके घात करने में पहिले तेरा हाथ उठे, पीछे सब लोगों के हाथ उठे।

10 उस पर ऐसा पत्थरवाह करना कि वह मर जाए, क्योंकि उसने तुझ को तेरे उस परमेश्वर यहोवा से, जो तुझ को दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है, बहकाने का यत्न किया है।

11 और सब इस्राएली सुनकर भय खाएंगे, और ऐसा बुरा काम फिर तेरे बीच न करेंगे॥

12 यदि तेरे किसी नगर के विषय में, जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे रहने के लिये देता है, ऐसी बात तेरे सुनने में आए,

13 कि कितने अधम पुरूषों ने तेरे ही बीच में से निकलकर अपने नगर के निवासियों यह कहकर बहका दिया है, कि आओ हम और देवताओं की जिन से अब तक अनजान रहे उपासना करें,