व्यवस्थाविवरण 17:6-12 HHBD

6 जो प्राणदण्ड के योग्य ठहरे वह एक ही की साक्षी से न मार डाला जाए, किन्तु दो वा तीन मनुष्यों की साक्षी से मार डाला जाए।

7 उसके मार डालने के लिये सब से पहिले साक्षियों के हाथ, और उनके बाद और सब लोगों के हाथ उस पर उठें। इसी रीति से ऐसी बुराई को अपने मध्य से दूर करना॥

8 यदि तेरी बस्तियों के भीतर कोई झगड़े की बात हो, अर्थात आपस के खून, वा विवाद, वा मारपीट का कोई मुकद्दमा उठे, और उसका न्याय करना तेरे लिये कठिन जान पड़े, तो उस स्थान को जा कर जो तेरा परमेश्वर यहोवा चुन लेगा;

9 लेवीय याजकों के पास और उन दिनो के न्यायियों के पास जा कर पूछताछ करना, कि वे तुम को न्याय की बातें बतलाएं।

10 और न्याय की जैसी बात उस स्थान के लोग जो यहोवा चुन लेगा तुझे बता दें, उसी के अनुसार करना; और जो व्यवस्था वे तुझे दें उसी के अनुसार चलने में चौकसी करना;

11 व्यवस्था की जो बात वे तुझे बताएं, और न्याय की जो बात वे तुझ से कहें, उसी के अनुसार करना; जो बात वे तुझ को बाताएं उस से दाहिने वा बाएं न मुड़ना।

12 और जो मनुष्य अभिमान करके उस याजक की, जो वहां तेरे परमेश्वर यहोवा की सेवा टहल करने को उपस्थित रहेगा, न माने, वा उस न्यायी की न सुने, तो वह मनुष्य मार डाला जाए; इस प्रकार तू इस्राएल में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।