22 शापित हो वह जो अपनी बहिन, चाहे सगी हो चाहे सौतेली, उस से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥
पूरा अध्याय पढ़ें व्यवस्थाविवरण 27
देखें संदर्भ में व्यवस्थाविवरण 27:22