व्यवस्थाविवरण 31:10-16 HHBD

10 तब मूसा ने उन को आज्ञा दी, कि सात सात वर्ष के बीतने पर, अर्थात उगाही न होने के वर्ष के झोपड़ी वाले पर्व्व में,

11 जब सब इस्राएली तेरे परमेश्वर यहोवा के उस स्थान पर जिसे वह चुन लेगा आकर इकट्ठे हों, तब यह व्यवस्था सब इस्राएलियों को पढ़कर सुनाना।

12 क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या बालक, क्या तुम्हारे फाटकों के भीतर के परदेशी, सब लोगों को इकट्ठा करना कि वे सुनकर सीखें, और तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का भय मानकर, इस व्यवस्था के सारे वचनों के पालन करने में चौकसी करें,

13 और उनके लड़केबाले जिन्होंने ये बातें नहीं सुनीं वे भी सुनकर सींखें, कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का भय उस समय तक मानते रहें, जब तक तुम उस देश में जीवित रहो जिसके अधिकारी होने को तुम यरदन पार जा रहे हो॥

14 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, तेरे मरने का दिन निकट है; तू यहोशू को बुलवा, और तुम दोनों मिलापवाले तम्बू में आकर उपस्थित हो कि मैं उसको आज्ञा दूं। तब मूसा और यहोशू जा कर मिलापवाले तम्बू में उपस्थित हुए।

15 तब यहोवा ने उस तम्बू में बादल के खम्भे में हो कर दर्शन दिया; और बादल का खम्भा तम्बू के द्वार पर ठहर गया।

16 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तू तो अपने पुरखाओं के संग सो जाने पर है; और ये लोग उठ कर उस देश के पराये देवताओं के पीछे जिनके मध्य वे जा कर रहेंगे व्यभिचारी हो जाएंगे, और मुझे त्यागकर उस वाचा को जो मैं ने उन से बान्धी है तोडेंगे।