व्यवस्थाविवरण 32:6-12 HHBD

6 हे मूढ़ और निर्बुद्धि लोगों, क्या तुम यहोवा को यह बदला देते हो? क्या वह तेरा पिता नहीं है, जिसने तुम को मोल लिया है? उसने तुम को बनाया और स्थिर भी किया है॥

7 प्राचीनकाल के दिनों को स्मरण करो, पीढ़ी पीढ़ी के वर्षों को विचारो; अपने बाप से पूछो, और वह तुम को बताएगा; अपने वृद्ध लोगों से प्रश्न करो, और वे तुझ से कह देंगे॥

8 जब परमप्रधान ने एक एक जाति को निज निज भाग बांट दिया, और आदमियों को अलग अलग बसाया, तब उसने देश देश के लोगों के सिवाने इस्राएलियों की गिनती के अनुसार ठहराए॥

9 क्योंकि यहोवा का अंश उसकी प्रजा है; याकूब उसका नपा हुआ निज भाग है॥

10 उसने उसको जंगल में, और सुनसान और गरजने वालों से भरी हुई मरूभूमि में पाया; उसने उसके चंहु ओर रहकर उसकी रक्षा की, और अपनी आंख की पुतली की नाईं उसकी सुधि रखी॥

11 जैसे उकाब अपने घोंसले को हिला हिलाकर अपने बच्चों के ऊपर ऊपर मण्डलाता है, वैसे ही उसने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा लिया॥

12 यहोवा अकेला ही उसकी अगुवाई करता रहा, और उसके संग कोई पराया देवता न था॥