व्यवस्थाविवरण 33:1-7 HHBD

1 जो आशीर्वाद परमेश्वर के जन मूसा ने अपनी मृत्यु से पहिले इस्राएलियों को दिया वह यह है॥

2 उसने कहा, यहोवा सीनै से आया, और सेईर से उनके लिये उदय हुआ; उसने पारान पर्वत पर से अपना तेज दिखाया, और लाखों पवित्रों के मध्य में से आया, उसके दाहिने हाथ से उनके लिये ज्वालामय विधियां निकलीं॥

3 वह निश्चय देश देश के लोगों से प्रेम करता है; उसके सब पवित्र लोग तेरे हाथ में हैं: वे तेरे पांवों के पास बैठे रहते हैं, एक एक तेरे वचनों से लाभ उठाता है॥

4 मूसा ने हमें व्यवस्था दी, और याकूब की मण्डली का निज भाग ठहरी॥

5 जब प्रजा के मुख्य मुख्य पुरूष, और इस्राएल के गोत्री एक संग हो कर एकत्रित हुए, तब वह यशूरून में राजा ठहरा॥

6 रूबेन न मरे, वरन जीवित रहे, तौभी उसके यहां के मनुष्य थोड़े हों॥

7 और यहूदा पर यह आशीर्वाद हुआ जो मूसा ने कहा, हे यहोवा तू यहूदा की सुन, और उसे उसके लोगों के पास पहुंचा। वह अपने लिये आप अपने हाथों से लड़ा, और तू ही उसके द्रोहियों के विरुद्ध उसका सहायक हो॥