14 मेरा प्रमी मेरे लिये मेंहदी के फूलों के गुच्छे के समान है, जो एनगदी की दाख की बारियों में होता है॥
15 तू सुन्दरी है, हे मेरी प्रिय, तू सुन्दरी है; तेरी आंखें कबूतरी की सी हैं।
16 हे मेरी प्रिय तू सुन्दर और मनभावनी है। और हमारा बिछौना भी हरा है;
17 हमारे घर के बरगे देवदार हैं और हमारी छत की कडिय़ां सनौवर हैं॥