श्रेष्ठगीत 2:10-16 HHBD

10 मेरा प्रेमी मुझ से कह रहा है, हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठ कर चली आ;

11 क्योंकि देख, जाड़ा जाता रहा; वर्षा भी हो चुकी और जाती रही है।

12 पृथ्वी पर फूल दिखाई देते हैं, चिडिय़ों के गाने का समय आ पहुंचा है, और हमारे देश में पिन्डुक का शब्द सुनाई देता है।

13 अंजीर पकने लगे हैं, और दाखलताएं फूल रही हैं; वे सुगन्ध दे रही हैं। हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठ कर चली आ।

14 हे मेरी कबूतरी, पहाड़ की दरारों में और टीलों के कुज्ज में तेरा मुख मुझे देखने दे, तेरा बोल मुझे सुनने दे, क्योंकि तेरा बोल मीठा, और तेरा मुख अति सुन्दर है।

15 जो छोटी लोमडिय़ां दाख की बारियों को बिगाड़ती हैं, उन्हें पकड़ ले, क्योंकि हमारी दाख की बारियों में फूल लगे हैं॥

16 मेरा प्रमी मेरा है और मैं उसकी हूं, वह अपनी भेड़-बकरियां सोसन फूलों के बीच में चराता है।