श्रेष्ठगीत 4:3-9 HHBD

3 तेरे होंठ लाल रंग की डोरी के समान हैं, और तेरा मुंह मनोहर है, तेरे कपोल तेरी लटों के नीचे अनार की फाँक से देख पड़ते हैं।

4 तेरा गला दाऊद के गुम्मट के समान है, जो अस्त्र-शस्त्र के लिये बना हो, और जिस पर हजार ढालें टंगी हुई हों, वे सब ढालें शूरवीरों की हैं।

5 तेरी दोनों छातियां मृग के दो जुड़वे बच्चों के तुल्य हैं, जो सोसन फूलों के बीच में चरते हों।

6 जब तक दिन ठण्डा न हो, और छाया लम्बी होते होते मिट न जाए, तब तक मैं शीघ्रता से गन्धरस के पहाड़ और लोबान की पहाड़ी पर चला जाऊंगा।

7 हे मेरी प्रिय तू सर्वांग सुन्दरी है; तुझ में कोई दोष नहीं।

8 हे मेरी दुल्हिन, तू मेरे संग लबानोन से, मेरे संग लबानोन से चली आ। तू आमाना की चोटी पर से, शनीर और हेर्मोन की चोटी पर से, सिहों की गुफाओं से, चितों के पहाड़ों पर से दृष्टि कर।

9 हे मेरी बहिन, हे मेरी दुल्हिन, तू ने मेरा मन मोह लिया है, तू ने अपनी आंखों की एक ही चितवन से, और अपने गले के एक ही हीरे से मेरा हृदय मोह लिया है।