श्रेष्ठगीत 5:11-16 HHBD

11 उसका सिर चोखा कुन्दन है; उसकी लटकती हुई लटें कौवों की नाईं काली हैं।

12 उसकी आंखें उन कबूतरों के समान हैं जो दुध में नहा कर नदी के किनारे अपने झुण्ड में एक कतार से बैठे हुए हों।

13 उसके गाल फूलों की फुलवारी और बलसान की उभरी हुई क्यारियां हैं। उसके होंठ सोसन फूल हैं जिन से पिघला हुआ गन्धरस टपकता है॥

14 उसके हाथ फीरोजा जड़े हुए सोने के किवाड़ हैं। उसका शरीर नीलम के फूलों से जड़े हुए हाथीदांत का काम है।

15 उसके पांव कुन्दन पर बैठाये हुए संगमर्मर के खम्भे हैं। वह देखने में लबानोन और सुन्दरता में देवदार के वृक्षों के समान मनोहर है।

16 उसकी वाणी अति मधुर है, हां वह परम सुन्दर है। हे यरूशलेम की पुत्रियो, यही मेरा प्रेमी और यही मेरा मित्र है॥