5 तेरा सिर तुझ पर कर्मेल के समान शोभायमान है, और तेरे सर की लटें अर्गवानी रंग के वस्त्र के तुल्य है; राजा उन लटाओं में बंधुआ हो गया है।
6 हे प्रिय और मनभावनी कुमारी, तू कैसी सुन्दर और कैसी मनोहर है!
7 तेरा डील डौल खजूर के समान शानदार है और तेरी छातियां अंगूर के गुच्छों के समान हैं॥
8 मैं ने कहा, मैं इस खजूर पर चढ़कर उसकी डालियों को पकडूंगा। तेरी छातियां अंगूर के गुच्छे हो, और तेरी श्वास का सुगन्ध सेबों के समान हो,
9 और तेरे चुम्बन उत्तम दाखमधु के समान हैं जो सरलता से ओठों पर से धीरे धीरे बह जाती है॥
10 मैं अपनी प्रेमी की हूं। और उसकी लालसा मेरी ओर नित बनी रहती है।
11 हे मेरे प्रेमी, आ, हम खेतों में निकल जाएं और गांवों में रहें;