होशे 2:5-11 HHBD

5 उनकी माता ने छिनाला किया है; जिसके गर्भ में वे पड़े, उसने लज्जा के योग्य काम किया है। उसने कहा, मेरे यार जो मुझे रोटी-पानी, ऊन, सन, तेल और मद्य देते हैं, मैं उन्हीं के पीछे चलूंगी।

6 इसलिये देखो, मैं उसके मार्ग को कांटों से घेरूंगा, और ऐसा बाड़ा खड़ा करूंगा कि वह राह न पा सकेगी।

7 वह अपने यारों के पीछे चलने से भी न पाएगी; और उन्हें ढूंढ़ने से भी न पाएगी। तब वह कहेगी, मैं अपने पहिले पति के पास फिर जाऊंगी, क्योंकि मेरी पहिली दशा इस समय की दशा से अच्छी थी।

8 वह यह नहीं जानती थी, कि अन्न, नया दाखमधु और तेल मैं ही उसे देता था, और उसके लिये वह चान्दी सोना जिस को वे बाल देवता के काम में ले आते हैं, मैं ही बढ़ाता था।

9 इस कारण मैं अन्न की ऋतु में अपने अन्न को, और नये दाखमधु के होने के समय में अपने नये दाखमधु को हर लूंगा; और अपना ऊन और सन भी जिन से वह अपना तन ढांपती है, मैं छीन लूंगा।

10 अब मैं उसके यारों के साम्हने उसके तन को उघाडूंगा, और मेरे हाथ से कोई उसे छुड़ा न सकेगा।

11 और मैं उसके पर्व, नये चांद और विश्रामदिन आदि सब नियत समयों के उत्सवों का अन्त कर दूंगा।