16 शापित हो वह जो अपने पिता वा माता को तुच्छ जाने। तब सब लोग कहें, आमीन॥
17 शापित हो वह जो किसी दूसरे के सिवाने को हटाए। तब सब लोग कहें, आमीन॥
18 शापित हो वह जो अन्धे को मार्ग से भटका दे। तब सब लोग कहें, आमीन॥
19 शापित हो वह जो परदेशी, अनाथ, वा विधवा का न्याय बिगाड़े। तब सब लोग कहें आमीन॥
20 शापित हो वह जो अपनी सौतेली माता से कुकर्म करे, क्योकिं वह अपने पिता का ओढ़ना उघाड़ता है। तब सब लोग कहें, आमीन॥
21 शापित हो वह जो किसी प्रकार के पशु से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥
22 शापित हो वह जो अपनी बहिन, चाहे सगी हो चाहे सौतेली, उस से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥