तीतुस 2:1-7 HHBD

1 पर तू ऐसी बातें कहा कर, जो खरे उपदेश के योग्य हैं।

2 अर्थात बूढ़े पुरूष, सचेत और गम्भीर और संयमी हों, और उन का विश्वास और प्रेम और धीरज पक्का हो।

3 इसी प्रकार बूढ़ी स्त्रियों का चाल चलन पवित्र लोगों सा हो, दोष लगाने वाली और पियक्कड़ नहीं; पर अच्छी बातें सिखाने वाली हों।

4 ताकि वे जवान स्त्रियों को चितौनी देती रहें, कि अपने पतियों और बच्चों से प्रीति रखें।

5 और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करने वाली, भली और अपने अपने पति के आधीन रहने वाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए।

6 ऐसे ही जवान पुरूषों को भी समझाया कर, कि संयमी हों।

7 सब बातों में अपने आप को भले कामों का नमूना बना: तेरे उपदेश में सफाई, गम्भीरता