भजन संहिता 41:11 HHBD

11 मेरा शत्रु जो मुझ पर जयवन्त नहीं हो पाता, इस से मैं ने जान लिया है कि तू मुझ से प्रसन्न है।

पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 41

देखें संदर्भ में भजन संहिता 41:11