12 और मुझे तो तू खराई से सम्भालता, और सर्वदा के लिये अपने सम्मुख स्थिर करता है॥
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 41
देखें संदर्भ में भजन संहिता 41:12