भजन संहिता 56:5 HHBD

5 वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं उनकी सारी कल्पनाएं मेरी ही बुराई करने की होती है।

पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 56

देखें संदर्भ में भजन संहिता 56:5