यशायाह 48:8-14 HHBD

8 हां निश्चय तू ने उन्हें न तो सुना, न जाना, न इस से पहिले तेरे कान ही खुले थे। क्योंकि मैं जानता था कि तू निश्चय विश्वासघात करेगा, और गर्भ ही से तेरा नाम अपराधी पड़ा है॥

9 अपने ही नाम के निमित्त मैं क्रोध करने में विलम्ब करता हूं, ओर अपनी महिमा के निमित्त अपने तईं रोक रखता हूं, ऐसा न हो कि मैं तुझे काट डालूं।

10 देख, मैं ने तुझे निर्मल तो किया, परन्तु, चान्दी की नाईं नहीं; मैं ने दु:ख की भट्ठी में परखकर तुझे चुन लिया है।

11 अपने निमित्त, हां अपने ही निमित्त मैं ने यह किया है, मेरा नाम क्यों अपवित्र ठहरे? अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूंगा॥

12 हे याकूब, हे मेरे बुलाए हुए इस्राएल, मेरी ओर कान लगाकर सुन! मैं वही हूं, मैं ही आदि और मैं ही अन्त हूं।

13 निश्चय मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नेव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया; जब मैं उन को बुलाता हूं, वे एक साथ उपस्थित हो जाते हैं॥

14 तुम सब के सब इकट्ठे हो कर सुनो! उन में से किस ने कभी इन बातों का समाचार दिया? यहोवा उस से प्रेम रखता है: वह बाबुल पर अपनी इच्छा पूरी करेगा, और कसदियों पर उसका हाथ पड़ेगा।